आईएमए पदाधिकारियों ने धारा 106 बीएनएस से छूट संबंधी सांसद डा. राज को सौंपा मांगपत्र

होशियारपुर । इंडियन मैडीकल एसोसिएशन होशियारपुर के सदस्यों ने धारा 106 बीएनएस से छूट संबंधी सांसद डा. राज से भेंट की और उन्हें मांगपत्र सौंपा। इस मौके पर आईएमए के अध्यक्ष डा. बलविंदर सिंह, सचिव डा. संदीप सिंह वित्त सचिव डा. अमित गुप्ता व पूर्व अध्यक्ष डा. राजिंदर शर्मा ने डा. राज को धारा 106 संबंधी जानकारी दी और डाक्टरों को इससे छूट की मांग संबंधी मामला भारत सरकार के समक्ष उठाने की अपील की। इस दौरान उन्होंने बताया कि बीएनएस के तहत सजा को और अधिक सख्त कर दिया गया है और जुर्माने के साथ-साथ जेल भी अनिवार्य हो गई है। 304A के तहत या तो जेल या जुर्माना दोनों था। मेडिकल प्रोफेशन को आपराधिक मुकदमे से बाहर किया जाना चाहिए। इससे कठिन और जटिल मामलों को संभालने वाले डॉक्टरों का आत्मविश्वास बहाल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि स्केलपेल पकड़ते समय यदि हाथ आपराधिक मुकदमे के डर से कांपता है तो लाभ की बजाय नुकसान अधिक होगा। डाक्टर्स ने कहा कि इस अधिनियम के कड़े प्रावधानों पर दोबारा गौर करने की तत्काल आवश्यकता है, यह लिंग निर्धारण को रोकने के बजाय डॉक्टरों को परेशान करने के लिए अधिक है। कन्या भ्रूण हत्या के खतरे को खत्म करने के लिए व्यापक स्तर पर सोचने की जरूरत है। कन्या भ्रूण वाली माताओं की पहचान करना और बच्चे के जन्म तक उनकी नियमित निगरानी करना और उसके बाद 1 वर्ष तक अनुवर्ती कार्रवाई करना कन्या भ्रूण और गर्भ की सुरक्षा सुनिश्चित करने में काफी मदद कर सकता है। इस प्रस्ताव पर गंभीर चर्चा की जरूरत है। उन्होंने मांग की कि यह योजना केवल निजी अस्पतालों तक ही सीमित रहनी चाहिए। गरीबों को अधिकतम लाभ देना। सरकारी अस्पतालों को बीपीएल श्रेणी में मुफ्त इलाज देना होता है, इसलिए इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों को शामिल करने का कोई मतलब नहीं है। पैकेज दरें वास्तविक लागत निर्धारण के तहत निर्धारित की जानी चाहिएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अस्पतालों को उचित पारिश्रमिक मिले। इसके साथ ही छोटे से मध्यम स्तर के अस्पतालों को क्लिनिकल प्रतिष्ठान 2010 से छूट दी जानी चाहिए। चूंकि अधिनियम के तहत निर्धारित न्यूनतम मानकों को बनाए रखना और हासिल करना मुश्किल है, इससे छोटे से मध्यम स्तर के अस्पतालों पर भारी बोझ पड़ेगा और उन्हें बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अगर ऐसा होता है तो भारत में स्वास्थ्य देखभाल की रीढ़ को खतरा हो सकता है तथा इससे मरीजों को सस्ती एवं अगले दरवाजे पर मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। आईएमए द्वारा की गई मांग को गंभीरता से लेते हुए डा. राज ने आश्वासन दिया कि वह भारत सरकार के समक्ष इस मामले को उठाएंगे। #hoshiarpur #punjab #hoshiarpurdigitalmedia #HoshiarpurSocialMedia #aaphoshiarpur #DrRajKumarChabbewal

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