पंजाब भाषा व साहित्य में सृजनात्मक वृद्धि के उद्देश्य से आज जिला भाषा कार्यालय होशियारपुर में रमणीक सिंह घुम्मण व जश्नजोत घुम्मण के साझे काव्य संग्रह लफ्जों के सागर का खोज अधिकारी डा. जसवंत राए, सहायक लोक संपर्क अधिकारी लोकेश चौबे व सहायक डायरेक्टर युवक सेवाएं विभाग प्रीत कोहली की ओर से लोकार्पण किया गया।
काव्य संग्रह की सृजनात्मक्ता के बारे में बातचीत करते हुए डा. जसवंत राए ने कहा कि यह रमणीक सिंह घुम्मण व जश्नजोत घुम्मण का पहला काव्य संग्रह है। पिता-बेटी की ओर से बनाई गई कविताओं में रुमांसवादी दृष्टि के साथ-साथ रुहानियत, कुदरत, स्वंय से संवाद, इतिहास व मिथिहास को जानने की सीख, जिंदगी जीने का सलीका, खुद को प्यार व सम्मान करने का बल व सामाजिक बंदिशों को तोड़ कर समानता वाले जीवन का खुलकर वृतांत सृजित किया है। लोकश चौबे व प्रीत कोहली ने कविता में काव्यात्मकता को आधार बनाकर दोनों सृजनकारों को पंजाबी काव्य जगत में इस पहली पहल के लिए मुबारकबाद दी और भविष्य में इस काव्य सफर को बादस्तूर जारी रखने के लिए कहा। इस मौके पर दोनों शायरों ने किताब में अपनी नज्मों का पाठ भी श्रोताओं के साथ साझा किया। समागम के दौरान स्टेज की कार्रवाई अध्यापक अजय कुमार ने बाखूबी निभाई। इस मौके पर अमनजीत कौर, लवप्रीत, लाल सिंह, रविंदर भारद्वाज व पुष्पा रानी भी मौजूद थे।