होशियारपुर । सहकार भारती के प्रान्त कोषाध्यक्ष चेतन मोती लाल सूद ने बताया पिछले दिनों आदरणीय वि.के. सिंह आईएएस विशेष मुख्य सचिव सहकारिता पंजाब ने एक अधिसूचना जारी की। जिसमें सभी प्रकार की सहकारी सभाओं की रजिस्ट्रेशन फीस 20 लाख से घटाकर 10,000 रुपए कर दी गई थी। सहकार भारती के उत्तर क्षेत्र के संगठन प्रमुख शंकर तिवारी व पंजाब प्रधान बलराम दास बावा महामंत्री रविंद्र ठाकुर ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया और विशेष रूप से वि.के. सिंह का इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रशंसा की। चेतन मोती लाल सूद ने कहा कि जनवरी 2024 को वि.के. सिंह ने पंजाब सहकारिता विभाग के विशेष मुख्य सचिव का कार्यभार संभाला था। उन्होंने बताया कि हमें आशा की किरण दिखाई देने लगी थी। उन्होंने हमारे चिंताओं को ध्यान से सुना और पंजाब के किसानों महिलाओं और युवाओं के अधिकारों की रक्षा करने का संकल्प लिया। 26 जून 2024 को सिंह जी ने अधिसूचना जारी करके अपना वायदा पूरा किया। जिससे रजिस्ट्रेशन शुल्क में भारी उल्लेखनीय कमी करवाई। यह फीस 25 सितंबर 2023 को लागू की गई थी। एक विवादास्पद नीति के तहत सहकारी सभाओं के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 20 लाख रुपए कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि फीस वृद्धि के बाद सहकार भारती ने पंजाब में जागरूकता अभियान शुरू किया।
जिला स्तर तक व्यापक रूप से इसकी आलोचना हुई और सहकारिता क्षेत्र के लोगों में इस बहस को जन्म दिया। इस अब्दाली कानून को सहकारिता क्षेत्र से वापस कराने की मांग करने के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने आगे बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान जो सहकारिता मंत्री भी हैं, को कई पत्रों, ज्ञापन, ईमेल के माध्यम से संपर्क किया लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। शंकर दत्त ने बताया कि 25 सितंबर 2023 से पहले पंजाब में सहकारी सभाओं के लिए कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं थी। पिछले साल सितंबर में यह अब्दाली कानून लागू किया गया। जिससे सहकारी क्षेत्र को बहुत नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि सहकारिता किसान की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। वि.के. सिंह के हस्तक्षेप के बाद सफलता मिली। उन्होनें कहा कि इस आदेश के बाद सहकार भारती उनका बहुत-बहुत धन्यवाद करती है। जिला अध्यक्ष अनिल सूद महामंत्री अनुराग कालिया सरकार से विनम्र निवेदन करती है कि जब दिल्ली और पंजाब के साथ जुड़े राज्यों में सहकारी सभाओं कि कोई रजिस्ट्रेशन फीस नहीं है, तो पंजाब में 10 हजार फीस क्यों? यह भी खत्म होनी चाहिए। पंजाब के मुख्यमंत्री से भी अपील करते हैं। उन्होंने आगे बताया कि गुरु नानक जी ने कहा था कि कृत करों बढ़ छक्कों। सहकारिता हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर हैं। नानक नाम चढ़ती कला तेरे भाणे सरबत दा भला। उन्होंने बताया कि यह सदियों पुराने मंत्र को क्रियान्वयन करने का सामर्थ्य केवल सहकारिता आंदोलन में ही है। उन्होंने बताया कि अपने देश के गरीब, निर्धन, दुर्बल, वंचित, असंघठित, महिला, दलित, शोषित तथा निम्न आर्थिक स्तर के नागरिकों का स्थायी आर्थिक विकास करने का सहकारिता क्षेत्र एकमात्र साधन है। #chetansood #hoshiarpur #HoshiarpurSocialMedia